शब्द का अर्थ
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मैल :
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स्त्री० [सं० मल] १. कोई ऐसी चीज जिसके पड़ने या लगने से दूसरी चीज खराब, गंदी या मैली होती हो अथवा उनकी चमक-दमक, सफाई आदि कम होती या बिगड़ जाती हो। मलिन या मैला करनेवाला तत्त्व या वस्तु। जैसे—किट्ट, गर्दा, धूल आदि। पद—हाथ पैर की मैल=बहुत ही उपेक्ष्य और तुच्छ वस्तु। जैसे—वह रुपये-पैसे को तो हाथ की मैल समझता था। २. मन में रहने या होनेवाला किसी प्रकार का दोष या विकार। मुहावरा—मन में मैल रखना=मन में किसी प्रकार का दुर्भाव या वैमनस्य रखना। वि०=मैला। (मलिन)। पुं० [देश] फीलवानों का एक संकेत जिसका व्यवहार हाथी को चलाने के लिए होता है। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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मैल-खोरा :
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वि० [हिं० मैल+फा० ख़ोर] धूल, गर्दा आदि पड़ने पर भी (क) जो मैला न दिखाई पड़ता हो अथवा (ख) जिसकी रंगत खराब न होती हो जैसे—(क) मैल-खोरा कपड़ा। (ख) मैल-खोरा रंग। पुं० १. काठी या जीन के नीचे रखा जानेवाला नमदा। २. साबुन। |
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मैलंद :
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पुं० [सं० मिलिंद] भौंरा। |
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मैला :
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वि० [सं० मलिन, प्रा० मइल] १. जिस पर मैल जमी हो। जिस पर गर्द, धूल या कीट आदि हो। जिसकी चमक-दमक मारी गई हो। मलिन। अस्वच्छ। ‘साफ’ का उलटा। पद—मैला-कुचैला। २. दोष, विकार आदि से युक्त। दूषित और विकृत। गंदा। पुं० १. गलीज। गू। विष्ठा। २. कूड़ा-करकट। ३. मैल। पुं० [अं० मैल] १. आकर्षण। २. प्रवृत्ति या रुचि। |
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मैला-कुचैला :
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वि० [हिं० मैला+सं० कुचैल=गंदा वस्त्र] [स्त्री० मैली-कुचैली] १. बहुत अधिक मैला या गंदा। २. जो बहुत मैले कपड़े आदि पहने हुए हो। |
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मैला-घर :
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पुं० [हिं०] वह सार्वजनिक स्थान जहाँ गाँव या शहर का कूड़ा-कर्कट, गू आदि फेंका जाता है। |
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मैलान :
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पुं० [अ०] १. आकर्षण। २. प्रवृत्ति या रुचि। |
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मैलापन :
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पुं० [हिं० मैला+पन (प्रत्यय)] मैले होने की अवस्था या भाव। मलिनता। गंदापन। |
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