शब्द का अर्थ
|
भीरु :
|
वि० [सं० भी+क्रु] १. जिसे भय हुआ हो। डरा हुआ। २. कायर। डरपोक। पुं० [सं०] १. श्रृंगाल। गीदड़। २. बाघ। ३. एक प्रकार की ईख। स्त्री० [सं०] १. शतावरी। २. कंटकारी। भटकटैया। ३. बकरी। ४. छाया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरु :
|
स्त्री० [सं० भीरु] स्त्री० (डिं०) वि० =भीरु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरु-पत्री :
|
स्त्री० [सं० ब० स०+ङीष्] शतमूली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरु-हृदय :
|
पुं० [सं० ब० स०] हिरन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरुक :
|
पुं० [सं० भीरु+कन्] १. वन। जंगल। २. चाँदी। ३. एक प्रकार की ईख। ४. उल्लू। वि० भीरु। कायर। डरपोक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरुता :
|
स्त्री० [सं० भीरु+तल्+टाप्] १. भीरु होने की अवस्था या भाव। कायरता। बुजदिली। २. डर। भर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भीरुताई :
|
स्त्री०=भीरुता। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |