शब्द का अर्थ
|
बरही :
|
पुं०=बरही। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बरही :
|
पुं० [सं० वर्हि] १. मयूर। मोर। २. साही नामक जंगली जंतु। ३. अग्नि। आग। ४. कुक्कुट। मु्र्गा। स्त्री० [हिं० बारह] १. संतान उत्पन्न होने से बारहवाँ दिन। २. उक्त अवसर पर प्रसूता को कराया जानेवाला स्नान और उसके साथ होनेवाला उत्सव। स्त्री० [हिं० बरहा] १. पत्थर आदि भारी बोझ उठाने का मोटा रस्सा। २. जलाने की लकड़ियों का गट्ठर। ईधन का बोझ। (रस्सी से बँधी होने के कारण)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बरही-पीड़ :
|
पुं० [सं० बर्हि-पीड] मोर के परों का बना हुआ मुकुट। मोर-मुकुट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बरही-मुख :
|
पुं० [सं० बर्हिमुख०] देवता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |