शब्द का अर्थ
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फुस :
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पुं० [अनु०] वह शब्द जो मुँह से फूटकर साफ न निकले। बहुत धीमी आवाज। जैसे—फुस से किसी के कान में कुछ कहना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
फुसकारना :
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अ० [अनु०] फूँक मारना। फूत्कार छोड़ना। |
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समानार्थी शब्द-
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फुसकी :
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स्त्री० [अनु०] १. किसी के कान में धीरे से कुछ कहना। २. गुदा मार्ग से निकलनेवाली वह हवा जिससे शब्द नहीं होता। ठुसकी। |
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समानार्थी शब्द-
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फुसड़ा :
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पुं०=फुचड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
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फुसफुस :
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स्त्री० [अनु०] १. किसी के कान के पास मुँह करके इतने धीरे से कुछ कहना कि आस-पास के लोग न सुन सकें। २. इस प्रकार आपस में होनेवाली बात-चीत। काना-फूसी (ह्विस्पर)। |
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फुसफुसा :
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वि० [हिं० फूस+ या अनु० फुस] १. जो दबाने से बहुत जल्दी चूर-चूर हो जाय। जो कड़ा या करारा न हो। कमजोर और नरम। २. जिसमें तीव्रता न हो। मंद। मद्धिम। |
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फुसफुसाना :
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स० [अनु०] फुसफुस शब्द करते हुए कुछ कहना। बहुत ही दबे हुए या धीमे स्वर से बोलना। |
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फुसलाना :
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सं० [हिं०] १. किसी को मीठी-मीठी बातों से या बड़ी-बड़ी आशाएँ दिलाकर अपने अनुकूल बनाना। जैसे—बच्चे या स्त्री को फुसलाना। २. रूठे हुए व्यक्ति को मनाना संयो० क्रि०—लेना। |
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