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शब्द का अर्थ

प्रेंख  : पुं० [सं० प्र√इङ्ख+घञ्] १. झूलना। पेंग लेना। २. एक प्रकार का साम-गान। वि० जो काँप, झूल या हिल रहा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रेंखण  : पुं० [सं० प्र√इङ्ख+ल्युट्—अन] अच्छी तरह हिलना या झूलना। २. अठारह प्रकार के रूपकों में से एक प्रकार का रूपक जिसमें वीर रस की प्रधानता रहती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रेंखा  : स्त्री० [सं० प्र√इङ्ख√अ—टाप्] १. हिलना। २. झूलना। ३. यात्रा। ४. नाच। नृत्य। ५. घोड़े की चाल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रेंखोलन  : पुं० [सं०+प्रेङ्खोल् (चलना)+ल्युट्—अन] १. झूलना। २. काँपना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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