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शब्द का अर्थ

प्रहर्ष  : पुं० [सं० प्रा० स०] हर्ष का वह तीव्र रूप जिसमें हृदय उमड़ने लगता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रहर्षण  : पुं० [सं० प्र√हृष्+णिच्+ल्युट्—अन] १. हर्षित या प्रसन्न करने की क्रिया या भाव। २. आनन्द। प्रसन्नता। ३. [सं० प्र√हृष्+णिच्+ल्युट्—अन] बुध नामक ग्रह। ४. परवर्ती साहित्य में एक प्रकार का गौण अर्थालंकार जिसमें अनायास या सहज में किसी उद्देश्य की आशा से अधिक सिद्धि या आशातीत फल प्राप्ति की स्थिति का उल्लेख होता है। (यह ‘विषादन’ अलंकार के विपरीत भाव का सूचक है।)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रहर्षणी  : स्त्री० [सं० प्रहर्षण+ङीप्] १. हरिद्रा। हलदी। २. तेरह अक्षरों की एक वर्णवृत्ति जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः म, न, ज, र, ग होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
प्रहर्षित  : भू० कृ० [सं० प्रहर्ष+इतच्] १. जिसे प्रहर्ष हुआ हो। २. जिसके मन में प्रहर्ष हुआ हो। ३. जिसके मन में प्रहर्ष उत्पन्न किया गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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