शब्द का अर्थ
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पुण्यार्थ :
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वि० [पुण्य-अर्थ, ब० स०] १. (कार्य) जो पुण्य की प्राप्ति के विचार से किया गया हो। २. (धन) जो लोकोपकारी कार्यों के लिए दान रूप में दिया गया हो। (चैरिटेबुल) अव्य० पुण्य अर्थात् परोपकार या शुभ फल की प्राप्ति के विचार से। पुं० १. लोकोपकार की भावना। २. लोकोपकार की भावना से दिया जानेवाला धन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुण्यार्थ :
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वि० [पुण्य-अर्थ, ब० स०] १. (कार्य) जो पुण्य की प्राप्ति के विचार से किया गया हो। २. (धन) जो लोकोपकारी कार्यों के लिए दान रूप में दिया गया हो। (चैरिटेबुल) अव्य० पुण्य अर्थात् परोपकार या शुभ फल की प्राप्ति के विचार से। पुं० १. लोकोपकार की भावना। २. लोकोपकार की भावना से दिया जानेवाला धन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुण्यार्थ-निधि :
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स्त्री० [कर्म० स०] वह निधि या धन-संपत्ति जो पक्की-लिखा पढ़ी करके किसी धार्मिक या सामाजिक लोकोपकारी शुभ कार्य के लिए दान की गई हो। (चैरिटेबुल एन्डाउमेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुण्यार्थ-निधि :
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स्त्री० [कर्म० स०] वह निधि या धन-संपत्ति जो पक्की-लिखा पढ़ी करके किसी धार्मिक या सामाजिक लोकोपकारी शुभ कार्य के लिए दान की गई हो। (चैरिटेबुल एन्डाउमेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
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