शब्द का अर्थ
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पाटी :
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भू० कृ० [सं०√पट्+इन्+ङीष्] १. परिपाटी। अनुक्रम। रीति। २. गणित-शास्त्र। हिसाब। ३. श्रेणी। पंक्ति। ४. बला नामक क्षुप। खरैंटी। स्त्री० [हिं० पाटा का स्त्री० रूप] १. लकड़ी की वह तख्ती या पट्टी जिस पर विद्यारंभ करनेवाले बच्चों को लिखना-पढ़ना सिखाया जाता है। २. बच्चों को पढ़ाया जानेवाला पाठ। सबक। मुहा०—पाटी पढ़ना=(क) पाठ पढ़ना। सबक लेना। (ख) किसी प्रकार की शिक्षा प्राप्त करना; विशेषतः ऐसी शिक्षा प्राप्त करना जो दुष्ट उद्देश्य से दी गई हो और जिसमें शिक्षा प्राप्त करनेवाले ने अपनी बुद्धि या विवेक का उपयोग न किया हो। ३. माँग के दोनों ओर गोंद, जल, तेल, आदि की सहायता से कंघी द्वारा बैठाये हुए बाल जो देखने में पटरी की तरह बराबर मालूम हों। पट्टी। पटिया। मुहा०—पाटी पारना या बैठाना=कंघी फेरकर सिर के बालों को समतल करके बैठना। उदा०—पाटी पारि अपने हाथ बेनी गुथि बनावे।—भारतेंदु। ४. खाट, पलंग आदि के चौखट की लंबाई के बल की लकड़ी। ५. चौड़ाई। ६. चट्टान। शिला। ७. मछली पकड़ने के लिए एक विशिष्ट प्रकार की क्रिया जिसमें बहते हुए पानी को मिट्टी के बाँध या वृक्षों की टहनियों आदि से रोक कर एक पतले मार्ग से निकलने के लिए बाध्य करते हैं, और उसी मार्ग पर उन्हें पकड़ते हैं। ८. खपरैल की नरिया का प्रत्येक आधा भाग। ९. जंती। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटी :
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भू० कृ० [सं०√पट्+इन्+ङीष्] १. परिपाटी। अनुक्रम। रीति। २. गणित-शास्त्र। हिसाब। ३. श्रेणी। पंक्ति। ४. बला नामक क्षुप। खरैंटी। स्त्री० [हिं० पाटा का स्त्री० रूप] १. लकड़ी की वह तख्ती या पट्टी जिस पर विद्यारंभ करनेवाले बच्चों को लिखना-पढ़ना सिखाया जाता है। २. बच्चों को पढ़ाया जानेवाला पाठ। सबक। मुहा०—पाटी पढ़ना=(क) पाठ पढ़ना। सबक लेना। (ख) किसी प्रकार की शिक्षा प्राप्त करना; विशेषतः ऐसी शिक्षा प्राप्त करना जो दुष्ट उद्देश्य से दी गई हो और जिसमें शिक्षा प्राप्त करनेवाले ने अपनी बुद्धि या विवेक का उपयोग न किया हो। ३. माँग के दोनों ओर गोंद, जल, तेल, आदि की सहायता से कंघी द्वारा बैठाये हुए बाल जो देखने में पटरी की तरह बराबर मालूम हों। पट्टी। पटिया। मुहा०—पाटी पारना या बैठाना=कंघी फेरकर सिर के बालों को समतल करके बैठना। उदा०—पाटी पारि अपने हाथ बेनी गुथि बनावे।—भारतेंदु। ४. खाट, पलंग आदि के चौखट की लंबाई के बल की लकड़ी। ५. चौड़ाई। ६. चट्टान। शिला। ७. मछली पकड़ने के लिए एक विशिष्ट प्रकार की क्रिया जिसमें बहते हुए पानी को मिट्टी के बाँध या वृक्षों की टहनियों आदि से रोक कर एक पतले मार्ग से निकलने के लिए बाध्य करते हैं, और उसी मार्ग पर उन्हें पकड़ते हैं। ८. खपरैल की नरिया का प्रत्येक आधा भाग। ९. जंती। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीकुट :
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पुं० [सं० पाठा√कुट् (टेढ़ा होना)+क, पृषो० सिद्धि] चीते का पेड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीकुट :
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पुं० [सं० पाठा√कुट् (टेढ़ा होना)+क, पृषो० सिद्धि] चीते का पेड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीगणित :
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पुं० [सं०] गणित की वह शाखा जिसमें ज्ञात अंकों या संख्याओं की सहायता से अज्ञात अंक या संख्याएँ जानी जाती हैं। (एरिथिमेटिक) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीगणित :
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पुं० [सं०] गणित की वह शाखा जिसमें ज्ञात अंकों या संख्याओं की सहायता से अज्ञात अंक या संख्याएँ जानी जाती हैं। (एरिथिमेटिक) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीर :
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पुं० [सं० पटीर+अण्] १. चंदन का वृक्ष और उसकी लकड़ी। २. खेत जोतन का हल। ३. खेत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पाटीर :
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पुं० [सं० पटीर+अण्] १. चंदन का वृक्ष और उसकी लकड़ी। २. खेत जोतन का हल। ३. खेत। |
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समानार्थी शब्द-
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