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पसार  : पुं० [सं० प्रसार] १. पसरने की क्रिया या भाव। २. प्रसार। फैलाव। विस्तार। ३. दालान। (पश्चिम) पुं० [सं० प्रसाद] प्राप्त होने पर मिलनेवाली चीज। उदा०—दुहुँ कुल अपजस पहिल पसार।—विद्यापति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पसार  : पुं० [सं० प्रसार] १. पसरने की क्रिया या भाव। २. प्रसार। फैलाव। विस्तार। ३. दालान। (पश्चिम) पुं० [सं० प्रसाद] प्राप्त होने पर मिलनेवाली चीज। उदा०—दुहुँ कुल अपजस पहिल पसार।—विद्यापति।
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पसारना  : स० [सं० प्रसारण, हिं० पसारना का स०] १. अधिक विस्तृत करना। २. फैलाना। जैसे—झोली पसारना। ३. आगे बढ़ाना। जैसे—हाथ पसारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पसारना  : स० [सं० प्रसारण, हिं० पसारना का स०] १. अधिक विस्तृत करना। २. फैलाना। जैसे—झोली पसारना। ३. आगे बढ़ाना। जैसे—हाथ पसारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पसारा  : पुं०=पसार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पसारा  : पुं०=पसार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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पसारी  : पुं० [देश०] १. तिन्नी का धान। पसवन। पसही। पुं०=पंसारी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पसारी  : पुं० [देश०] १. तिन्नी का धान। पसवन। पसही। पुं०=पंसारी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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