शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

कुंडल  : पुं० [सं० कुंड√ला (आदान)+क] १. कान में पहना जानेवाला मंडलाकार प्रसिद्ध गहना, जो बड़े बाले की तरह होता है। २. चंद्रमा या सूर्य के चारों ओर दिखाई देनेवाले बादलों का गोल घेरा। ३. लकड़ी, लोहे आदि का कोई गोल घेरा या बंद, जो किसी चीज के चारों ओर अथवा मुँह पर सुरक्षा आदि के लिए लगाया जाता है। बंद। जैसे—कोल्हू, चरसे आदि का कुंडल। ४. किसी प्रकार की मंडलाकार आकृति या रचना। जैसे—साँप का कुंडल बनाकर बैठना। ५. दो मात्राओं और एक अक्षर का मात्रिक गण। (छंदशास्त्र) जैसे—मा। ६. एक सम मात्रिक छंद, जिसके प्रत्येक चरण में २२ मात्राएँ होती है और अंत में २ गुरु होते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलपुर  : पुं० =कुंडिनपुर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलाकार  : वि० [सं० कुंडल-आकार, ब० स०] जिसका आकार कुंडल या गेंडुरी की तरह गोल हो। मंडलाकार। वर्त्तुल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलिका  : स्त्री० [सं० कुंडली+तन्-टाप्, ह्रस्व] १. गोल रेखा। २. जलेवी नाम की मिठाई। ३. कुंडलिया छंद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलित  : वि० [सं० कुंडल+इतच्] जो कुंडल की तरह गोलाकार रूप में स्थित हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलिनी  : स्त्री० [सं० कुंडल+इनि-ङीष्] १. हठ योग में नाभि के पास मूलाधार के नीचे प्रायः सुषुप्त अवस्था में रहनेवाली वह शक्ति जिसे साधना में जाग्रत किया जाता है और जिसके ब्रह्मरन्ध्र में पहुँच जाने पर योगी मुक्त और अमर जीवन प्राप्त करता है। २. इमरती या जलेबी नाम की मिठाई। ३. गुडुच। गिलोय। ४. सोमलता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडलिया  : स्त्री० [सं० कुंडलिका] छः चरणों का एक मात्रिक छंद,जिसके पहले दो चरणों का एक मात्रिक छंद, पहले दो चरण दोहे के और अन्तिम चार रोले के होते हैं। इसके पहले चरण का पहला शब्द छठे चरण के अंत में भी होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कुंडली  : स्त्री० [सं० कुंडल+ङीष्] १. किसी प्रकार की गोल आकृति, रचना या रेखा। जैसे—साँप का कुंडली मारकर बैठना। २. फलित ज्योतिष में वह गोलाकार चक्र अथवा चौकोर लिखावट जिसमें यह दिखलाया जाता है कि किसी के जन्म के समय कौन-कौन से ग्रह किस-किस लग्न या स्थान में थे जिसके आधार पर उसके सारे जीवन के शुभाशुभ फल बतलाये जाते हैं। जन्म-पत्री का मुख्य और मूल भाग। ३. कुंडलिनी। ४. गेंडुरी। ५. डफली नाम का बाजा। ६. इमरती या जलेबी नाम की मिठाई। ७. गुडुच। गिलोय। ८. केवाँच। कौंछ। ९. कचनार। पुं० [सं० कुंडल+इनि] १. साँप। २. वरुण। ३. विष्णु। ४. मोर। ५. चितकबरा हिरन। ६. कुंडल। वि० १. जो कानों में कुंडल पहने हो। २. किसी प्रकार का कुंडल धारण करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ