शब्द का अर्थ
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उद्वह :
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पुं० [सं० उद्√वह् (ढोना, पहुँचाना)+अच्] १. पुत्र। २. सात वायुओं के अंतर्गत वह वायु जो तीसरे स्कंध पर स्थित मानी गई है। ३. उदान। वायु। ४. विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्वह :
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पुं० [सं० उद्√वह् (ढोना, पहुँचाना)+अच्] १. पुत्र। २. सात वायुओं के अंतर्गत वह वायु जो तीसरे स्कंध पर स्थित मानी गई है। ३. उदान। वायु। ४. विवाह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्वहन :
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पुं० [सं० उद्√वह+ल्युट-अन] ऊपर की ओर उठाना, खींचना या ले जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्वहन :
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पुं० [सं० उद्√वह+ल्युट-अन] ऊपर की ओर उठाना, खींचना या ले जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |