शब्द का अर्थ
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उत्सृष्ट :
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भू० कृ० [सं० उद्√सृज् (छोड़ना)+क्त] १. जो उत्सर्ग के रूप में किया या लगाया गया हो। जिसका उत्सर्ग हुआ हो। २. छोड़ा या त्यागा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सृष्ट :
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भू० कृ० [सं० उद्√सृज् (छोड़ना)+क्त] १. जो उत्सर्ग के रूप में किया या लगाया गया हो। जिसका उत्सर्ग हुआ हो। २. छोड़ा या त्यागा हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सृष्ट-वृत्ति :
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पुं० [सं० तृ० त०] दूसरों के छोड़े या त्यागे हुए अन्न से जीविका निर्वाह करने की वृत्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सृष्ट-वृत्ति :
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पुं० [सं० तृ० त०] दूसरों के छोड़े या त्यागे हुए अन्न से जीविका निर्वाह करने की वृत्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सृष्टि :
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स्त्री० [सं० उद्√सृज्+क्तिन्] १. उत्सर्ग। २. उत्सर्जन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सृष्टि :
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स्त्री० [सं० उद्√सृज्+क्तिन्] १. उत्सर्ग। २. उत्सर्जन। |
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समानार्थी शब्द-
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