शब्द का अर्थ
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अभर :
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वि० [सं० अ-नहीं+भार-बोझा] (ऐसा भार) जो ढोया न जा सके। बहुत भारी। दुर्वह।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अभरन :
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वि० [हिं० अ+भरना] १. खाली। रिक्त। उदाहरण—छर छरिए बान छकि छंछाटिय, भरिय पत्र अभरन भरिय-चंद्रबरदाई। २. जिसकी प्रतिष्ठा या मान-नष्ट कर दिया गया हो। अपमानित। पुं० =आभरण। |
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समानार्थी शब्द-
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अभरम :
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वि० [सं० अ-नहीं+भ्रम] १. (बात) जिसमें कोई भ्रम या संदेह न हो। २. (व्यक्ति) जिसे भ्रम या संदेह न हो। भ्रम-रहित। ३. निडर। निर्भय। ४. अचूक। क्रि० वि० १. बिना कोई भूल किये। अचूक। २. बिना किसी भ्रम या संदेह के। |
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समानार्थी शब्द-
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अभर्तृका :
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वि० [सं० न० ब० कप्] जिसका पति न हो। कुमारी या विधवा (स्त्री)। |
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