शब्द का अर्थ
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सबूरी :
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स्त्री० [अ० सब्र] १. संतोष। सब्र। उदा०—कहत कबीर सुनौ भाई संतो साहब मिलत सबूरी में।—कबीर। २. किसी के द्वारा पीड़ित होने पर तथा असमर्थ या असहाय होने के कारण चुपचाप बैठकर किया जाने वाला सब्र। मुहा—(किसी की) सबूरी पड़ना=किसी पीड़ित के उक्त प्रकार के फलस्वरूप उत्पीड़क की दैविक गति से दंड मिलना या उसका कोई उपकार होना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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