शब्द का अर्थ
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शुद्धा :
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स्त्री० [सं० शुद्ध-टाप्] कुटज बीज। इन्द्र जौ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
शुद्धांत :
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पुं० [सं० ब० स०] १. प्राचीन भारत में राजाओं का अंतःपुर जो शुद्ध और पवित्र माना जाता था। २. दे० ‘धवलगृह’। |
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शुद्धांत पालक :
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पुं० [सं० ष० त०] वह जो अंतःपुर के द्वार पर पहरा देता हो। |
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शुद्धांता :
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स्त्री० [सं० शुद्धांत-टाप्] रानी। |
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शुद्धात्मा (त्मन्) :
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पुं० [सं० ब० स०] शिव का एक नाम। |
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शुद्धाद्वैत :
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पुं० [सं० शुद्ध+अद्वैत] वल्लभाचार्य का चलाया हुआ एक वेदान्तिक संप्रदाय। इसमें माया रहित ब्रह्म को अद्वैत तत्त्व माना जाता है और सारा जगत् प्रपंच उसी की लीला का विलास है। |
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शुद्धापह्नुति :
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स्त्री० [सं० मध्य० स०] साहित्य में अपह्नुति अलंकार का एक भेद जिसमें अति सादृश्य के कारण सत्य होने पर भी उपमान को असत्य कहकर उपमान को सत्य सिद्ध किया जाता है। |
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शुद्धाशुद्धि :
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स्त्री० [सं० द्व० स० या ब० स०] शुद्ध और अशुद्ध होने की अवस्था या भाव। |
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