शब्द का अर्थ
|
व्यस्त :
|
वि० [सं० वि√अस्+क्त] १. घबराया हुआ। व्याकुल। २. इस प्रकार काम में लगा हुआ कि दूसरी ओर ध्यान न दे सकता हो। ३. किसी के अन्दर फैला हुआ। व्याप्त। ४. फेंका हुआ। ५. जो ठीक क्रम में न हो। अव्यवस्थित। ६. अलग। पृथक्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्यस्त गतागत :
|
पुं० [सं०] एक प्रकार का चित्र काव्य जिसमें अक्षरों या वर्णों की स्थापना ऐसे कौशल से की जाती है कि यदि उसे सीधा अर्थात् आरंभ की ओर से पढ़े तो एक अर्थ निकलता है, पर यदि उलटा अर्थात् अंत की ओर से पढ़े तो कुछ दूसरा ही अर्थ निकलता है (केशव)। उदाहरण—सैनन माधव ज्यों सर के सब रेख सुदेस सुबेस सबे...। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्यस्त-पद :
|
पुं० [सं० कर्म० स०] १. समास रहित पद। ‘समस्त’ पद का विपर्याय। २. अव्यवस्थित या गड़बड़ कथन। (न्यायालय) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्यस्तक :
|
वि० [सं० व्यस्त+कन्] जिसमें हड्डी न हो। बिना हड्डी का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |