शब्द का अर्थ
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वृज :
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पुं० [सं०√वृज् (त्याग करना)+अच्] व्रज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वृजन :
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पुं० [सं०√वृज् (त्याग करना)+ल्युट-अन] १. केश विशेषतः कुंचित केश। २. बल। शक्ति। ३. युद्ध। लड़ाई। ४.े निपटारा। निराकरण। ५. दुष्कर्म। पाप। ६. दुश्मन। शत्रु। ७. शरीर के बाल। वि० १. टेढ़ा। वक्र। २. कुटिल। ३. नश्वर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वृजन्य :
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वि० [सं० कर्म० स०] बहुत ही सीधा-साधा। परम साधु (व्यक्ति)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वृजि :
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स्त्री० [सं०√वृज् (त्याग करना)+इनि] १. व्रज भूमि। २. बिहार का तिरहुत या मिथिला प्रदेश जहाँ पहले विदेह लिच्छवी आदि रहते थे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वृजिन :
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पुं० [सं०√वृज् (त्याग करना)+इनच्, कित्] १. पाप। गुनाह। २. कष्ट। दुःख। ३. शरीर पर की खाल। त्वचा। ४. रक्त। लहू। ५. शरीर। ६. शरीर पर के बाल। वि० १. टेढ़ा। वक्र। २. पापी। |
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समानार्थी शब्द-
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वृज्य :
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वि० [सं०√वृज (त्याग करना)+यत्] जो घुमाया या मोड़ा जा सके। |
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समानार्थी शब्द-
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