शब्द का अर्थ
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विशोक :
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वि० [सं० ब० स०] [भाव० विशोकता] जिसे शोक न हो शोक से रहित। पुं० १. अशोक वृक्ष। २. ब्रह्मा का एक मान पुत्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विशोका :
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स्त्री० [सं० विशोक+टाप्] योग दर्शन के अनुसार ऐसी चित्तवृत्ति जो संप्रज्ञात समाधि से पहले होती है। इसे ज्योतिष्मती भी कहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |