शब्द का अर्थ
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लट्ठ :
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पुं० [सं० यष्टि, प्रा० लट्ठि] बड़ी लाठी। मोटा लम्बा डंडा। पद—लट्ठबाज, लट्ठमार। मुहावरा—(किसी के पीछे) लट्ठ लिए फिरना= (क) किसी के साथ इतना वैर या शत्रुता होना कि मिलते ही उसे घायल करके मार डालने को जी चाहता हो। (ख) लाक्षणिक रूप में पूरी तरह से किसी के विपक्ष में या विरुद्ध रहना। जैसे—अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना, अर्थात् इतना निर्बुद्धि होना कि मानों बुद्धिमता से वैर ठान रखा हो। वि० बहुत बड़ा निर्बुद्धि या मूर्ख। जैसे—यह नौकर तो निरा लट्ठ है। |
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समानार्थी शब्द-
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लट्ठबाज :
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वि० [हिं० लट्ठ+फा० बाज़] [भाव० लट्ठबाजी] लाठी से लड़नेवाला। लठैत। |
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लट्ठबाज़ी :
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स्त्री० [हिं० लट्ठ+फा० बाज़ी] लाठियों से होनेवाली मार-पीट। |
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लट्ठमार :
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वि० [हिं० लट्ठ+मारना] १. (व्यक्ति) जो बहुत बड़ा उजड्ड और उद्दंड हो। २. (कथन या बात) जिसमें नम्रता शालीनता, सौजन्य आदि का पूर्ण अभाव हो। |
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लट्ठर :
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वि० [हिं० लट्ठ] १. कठोर। कड़ा। २. कर्कश। |
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लट्ठा :
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पुं० [हिं० लट्ठ] १. लकड़ी का बहुत बड़ा मोटा और लंबा टुकड़ा। बल्ला। शहतीर। जैसे—तालाब के बीच में लगा हुआ लट्ठा, सीमा का सूचक लट्ठा। २. धरन। ३. वह ५॥ फुट लंबा बाँस जिससे जमीन नापी जाती है। पद—लट्ठाबंदी (दे०) ४. लंकलाट (कपड़ा) (पश्चिम)। |
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लट्ठा-बंदी :
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स्त्री० [हिं० लट्ठा+फा० बंदी] लट्ठे अर्थात् ५॥ फुट लंबे बाँस के द्वारा जमीन की जानेवाली नाप-जोख। |
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