शब्द का अर्थ
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मूलाधार :
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पुं० [मूल-आधार, ष० त०] हठयोग में माने हुए मानव शरीर के अन्दर के छः चक्रों में से एक चक्र जिसका स्थान अग्नि-चक्र के ऊपर गुदा और श्शिन के मध्य में होता है। विशेष—यह चार दलोंवाला और लाल रंग का कहा गया है, और इसके देवता गणेश माने गये हैं। कहते हैं कि इसे सिद्ध कर लेने पर मनुष्य सब विद्याओं का ज्ञाता हो जाता है और सदा प्रसन्न तथा स्वस्थ रहता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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