शब्द का अर्थ
|
मंत्रण :
|
पुं० [सं०√मंत्र (गुप्त भाषण)+ल्युट्—अन] १. मंत्रणा या सलाह करना। २. परामर्श। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मंत्रणा :
|
स्त्री० [√मंत्र् +णिच्+युच्—अन,+टाप्] १. किसी महत्त्वपूर्ण विषय के संबंध में आपस में होनेवाली बात-चीत या विचार-विमर्श। सलाह। २. उक्त बात-चीत या विचार-विमर्श के द्वारा स्थिर किया हुआ मत। मंतव्य। ३. किसी काम के संबंध में किसी को दिया जानेवाला परामर्श या सलाह। (एडवाईज़) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मंत्रणा-परिषद् :
|
स्त्री० [सं० ष० त०] मंत्रणाकारों की ऐसी परिषद् जो किसी बड़े अधिकारी या शासन को मंत्रणा देती रहती हो। (ऐडवाइज़री कौंसिल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मंत्रणाकार :
|
पुं० [सं० मंत्रणा√कृ (करना)+अण्] वह जो किसी को उसके कार्यों के संबंध में मंत्रणा देता रहता हो। (एडवाईजर) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |