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पुरुषक  : पुं० [सं० पुरुष√कै (भासित होना)+क] घोड़े की वह स्थिति जिसमें वह अपने दोनों पैर ऊपर उठाकर दोनों पिछले पैरों पर खड़ा हो जाता है। अलफ। सीख-पाँव। विशेष—लोक में इसे ‘घोडे का जमना’ कहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पुरुषक  : पुं० [सं० पुरुष√कै (भासित होना)+क] घोड़े की वह स्थिति जिसमें वह अपने दोनों पैर ऊपर उठाकर दोनों पिछले पैरों पर खड़ा हो जाता है। अलफ। सीख-पाँव। विशेष—लोक में इसे ‘घोडे का जमना’ कहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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