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धसक  : स्त्री० [हिं० धसकना] १. धसकने की क्रिया या भाव। २. ईर्ष्या, द्वेष, भय आदि के कारणों से कलेजा या दिल धँसने या बैठने की अवस्था या भाव। ३. कोई काम करने में झिझकने या दहलने की अवस्था या भाव। स्त्री० [अनु०] १. खाँसने के समय गले में होने वाला खस-खस या घस-घस शब्द। २. सूखी खाँसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
धसकन  : स्त्री० [हिं० धसकना] १. धसकने की क्रिया, भाव या स्थिति। २. धसक (डर या भय)।
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धसकना  : अ० [हिं० धँसना] १. नीचे की ओर धँसना या दबाना। २. ईर्ष्या आदि के कारण मन का दुःखी होना। ३. (कलेजा या दिल) बैठना। उदा०—उठा धसक जिउ औ सिर धुन्न।—जायसी। ४. भय आदि के कारण झिझकना। ५. दहलना।
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धसका  : पुं० [हिं० धसक] चौपायों के फेफड़ों का एक संक्रमक रोग।
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