शब्द का अर्थ
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करंड :
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पुं० [सं०√कृ० (करना)+अण्डन्] १. वह छत्ता जिसमें मधुमक्खियाँ रहती हैं। शहद का छत्ता। २. तलवार। ३. कारंडव नाम का हंस। ४. बाँस आदि की वह टोकरी या पिटारी जिसमें साँप रखे जाते हैं। ५. एक प्रकार की चमेली। हजारा चमेली। पुं० [सं० कुरविंद] कुहल पत्थर, जिस पर अस्त्र रगड़कर तेज किये जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करंडक :
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पुं० [स० करंड+कन्] [स्त्री० अल्पा० करंडिका] बाँस आदि की बनी हुई छोटी टोकरी या पिटारी जिसमें साँप रखे जाते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करंडी :
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स्त्री० [हिं० अंडी] कच्चे रेशम की बनी हुई चादर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |