शब्द का अर्थ
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उस्ताद :
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पुं० [फा०] [भाव० उस्तादी] १. (क) वह जो किसी विषय में बहुत अधिक दक्ष या निपुण हो। प्रवीण। (ख) चुतर। चालाक। २. (क) वह जो विद्यार्थियों को कुछ बतलाता या सिखलाता हो। गुरु। शिक्षक। (ख) वेश्याओं को नृत्य, संगीत आदि की शिक्षा देनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उस्ताद :
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पुं० [फा०] [भाव० उस्तादी] १. (क) वह जो किसी विषय में बहुत अधिक दक्ष या निपुण हो। प्रवीण। (ख) चुतर। चालाक। २. (क) वह जो विद्यार्थियों को कुछ बतलाता या सिखलाता हो। गुरु। शिक्षक। (ख) वेश्याओं को नृत्य, संगीत आदि की शिक्षा देनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उस्तादी :
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स्त्री० [फा०] १. उस्ताद होने की अवस्था या भाव। २. शिक्षक की वृत्ति। ३. दक्षता। निपुणता। ४. चालाकी। धूर्तत्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उस्तादी :
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स्त्री० [फा०] १. उस्ताद होने की अवस्था या भाव। २. शिक्षक की वृत्ति। ३. दक्षता। निपुणता। ४. चालाकी। धूर्तत्ता। |
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समानार्थी शब्द-
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