शब्द का अर्थ
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अंतःकरण :
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पुं० [ष० त०] १. अन्दर की इन्द्रिय। २. मन की वह आन्तरिक वृत्ति या शक्ति जिसके द्वारा हम भले बुरे, सत्य-मिथ्या, सार असार की पहचान करते हैं। विवेक (कान्शेस)। हमारे यहाँ मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार चारों इसी के अंग माने गये हैं। ३. हृदय, जो इस शक्ति के रहने का स्थान माना गया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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