रामायण >> श्रीरामचरितमानस अर्थात तुलसी रामायण (अयोध्याकाण्ड)

श्रीरामचरितमानस अर्थात तुलसी रामायण (अयोध्याकाण्ड)

गोस्वामी तुलसीदास

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :0
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 10
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भारत की सर्वाधिक प्रचलित रामायण। द्वितीय सोपान अयोध्याकाण्ड

इन्द्र की चिन्ता



राम भगतिमय भरतु 'निहारे।
सुर स्वारथी हहरि हियँ हारे॥
सब कोउ राम पेममय पेखा।
भए अलेख सोच बस लेखा।


और तब श्रीरामभक्ति से ओतप्रोत भरतजी को देखा। इन सबको देखकर स्वार्थी देवता घबड़ाकर हृदयमें हार मान गये (निराश हो गये)। उन्होंने सब किसीको श्रीरामप्रेममें सराबोर देखा। इससे देवता इतने सोचके वश हो गये कि जिसका कोई हिसाब नहीं ॥४॥

रामु सनेह सकोच बस कह ससोच सुरराजु।
रचहु प्रपंचहि,पंच मिलि नाहिं त भयउ अकाजु॥२९४॥

देवराज इन्द्र सोचमें भरकर कहने लगे कि श्रीरामचन्द्रजी तो स्नेह और संकोचके वशमें हैं। इसलिये सब लोग मिलकर कुछ प्रपञ्च (माया) रचो; नहीं तो काम बिगड़ा [ही समझो] ॥२९४॥

सुरन्ह सुमिरि सारदा सराही।
देबि देव सरनागत पाही॥
फेरि भरत मति करि निज माया।
पालु बिबुध कुल करि छल छाया॥


देवताओंने सरस्वतीका स्मरण कर उनकी सराहना (स्तुति) की और कहा-हे देवि! देवता आपके शरणागत हैं, उनकी रक्षा कीजिये। अपनी माया रचकर भरतजीकी बुद्धिको फेर दीजिये। और छलकी छाया कर देवताओंके कुलका पालन (रक्षा) कीजिये॥१॥

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    अनुक्रम

  1. अयोध्याकाण्ड - मंगलाचरण 1
  2. अयोध्याकाण्ड - मंगलाचरण 2
  3. अयोध्याकाण्ड - मंगलाचरण 3
  4. अयोध्याकाण्ड - तुलसी विनय
  5. अयोध्याकाण्ड - अयोध्या में मंगल उत्सव
  6. अयोध्याकाण्ड - महाराज दशरथ के मन में राम के राज्याभिषेक का विचार
  7. अयोध्याकाण्ड - राज्याभिषेक की घोषणा
  8. अयोध्याकाण्ड - राज्याभिषेक के कार्य का शुभारम्भ
  9. अयोध्याकाण्ड - वशिष्ठ द्वारा राम के राज्याभिषेक की तैयारी
  10. अयोध्याकाण्ड - वशिष्ठ का राम को निर्देश
  11. अयोध्याकाण्ड - देवताओं की सरस्वती से प्रार्थना
  12. अयोध्याकाण्ड - सरस्वती का क्षोभ
  13. अयोध्याकाण्ड - मंथरा का माध्यम बनना
  14. अयोध्याकाण्ड - मंथरा कैकेयी संवाद
  15. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का मंथरा को झिड़कना
  16. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का मंथरा को वर
  17. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का मंथरा को समझाना
  18. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी के मन में संदेह उपजना
  19. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी की आशंका बढ़ना
  20. अयोध्याकाण्ड - मंथरा का विष बोना
  21. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का मन पलटना
  22. अयोध्याकाण्ड - कौशल्या पर दोष
  23. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी पर स्वामिभक्ति दिखाना
  24. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का निश्चय दृढृ करवाना
  25. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी की ईर्ष्या
  26. अयोध्याकाण्ड - दशरथ का कैकेयी को आश्वासन
  27. अयोध्याकाण्ड - दशरथ का वचन दोहराना
  28. अयोध्याकाण्ड - कैकेयी का दोनों वर माँगना
  29. अयोध्याकाण्ड - दशरथ का सहमना

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